रामलला प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024

जनवरी महीने में कई वर्षों का इंतजार खत्म हो जाएगा,जब श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण लगभग पाँच दशक बाद अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि का कार्य पूरा हो जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha) करेंगे. इसके बाद श्री रामलला को उनके मुख्य गर्भगृह में पूरे विधि-विधान से स्थापित किया जाएगा। लाखों लोग देश-विदेश से इस खास मौके पर आने वाले हैं। आज हम आपको बताते हैं कि हिन्दू धर्म में किसी भी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा क्यों की जाती है और इसकी मान्यता क्या है।

प्राण प्रतिष्ठा क्या होती है

प्राण का शाब्दिक अर्थ है जीवन, शक्ति,और प्रतिष्ठा का अर्थ है स्थापना। किसी जीवन शक्ति को स्थापित करना प्राण प्रतिष्ठा है। हिंदू और जैन धर्मों में धार्मिक प्राण प्रतिष्ठा का पालन किया जाता है। हिंदू और जैन धर्म के लोग प्राण प्रतिष्ठा जरिए किसी मंदिर में भगवान की मूर्ति स्थापित की जाती है। ये कार्य कई पूजारियों की उपस्थिति में होते हैं, जो कई धार्मिक मंत्रों और भजनों का उच्चारण करते हैं। हिंदू धर्म में जब तक किसी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई हो,तब तक उसकी पूजा नहीं करनी चाहिए।

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां बहुत जोर-शोर से चल रही हैं। दुनिया भर के रामभक्त राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर बहुत उत्साहित हैं। इस बीच, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर आई है,प्राण प्रतिष्ठा के दौरान गर्भगृह में पांच लोग रहेंगे। गर्भगृह में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित रहेंगे।गर्भगृह में संघ प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्य आचार्य भी उपस्थित होंगे। प्राण प्रतिष्ठा में पर्दा बंद रहेगा। भगवान राम को आईना पहले दिखाया जाएगा। जिसमें रामलला अपना चेहरा देख सकते हैं। दलपूजा करने वाले आचार्यों की तीन टीमें हैं। 

अयोध्या में व्यापक स्तर पर हो रही है तैयारियां

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या में भारी भीड़ आने की उम्मीद है, इसलिए शहर में व्यापक तैयारी की जा रही है। CM योगी तैयारियों की निरंतर समीक्षा कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में लगभग 4,000 संतों, जिनमें काशी विश् वनाथ और वैष्णोदेवी मंदिरों के प्रमुख शामिल हैं, को आमंत्रित किया गया है। वर्तमान में, साइट पर विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए चार हजार से अधिक कर्मचारी विभिन्न शिफ्टों में काम कर रहे हैं।

400 कर्मचारियों को अभिषेक समारोह में आमंत्रित किया जाएगा। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने जनवरी के पहले सप्ताह में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए बनाई गई तीन मूर्तियों में से रामलला की मूर्ति को चुना जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले शहर की एक प्रमुख सड़क पर सूरज की थीम वाले सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं।

84 सेकंड के छोटे मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी

रामलला की प्राणप्रतिष्ठा का पूरा कार्य काशी के वैदिक ब्राह्मणों पर है। हवन, पूजन और प्राण प्रतिष्ठा समारोह की सामग्री काशी से ही अयोध्या भेजी जाएगी। 26 दिसंबर को पहला ब्राह्मण जत्था काशी से रवाना होगा। यज्ञ कुंड और पूजन मंडप भी इसके साथ शुरू होंगे। कृष्ण यजुर्वेदीय शाखा के 51 वैदिक ब्राह्मण काशी से प्राण प्रतिष्ठा समारोह में रवाना होंगे। 

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 84 सेकंड के सूक्ष्म मुहूर्त में होगी। ये पंचांग भारत को पुनर्जीवित करेंगे। रामलला की प्रतिष्ठा भारत को विश्वगुरु बनने में मदद करेगी। प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त को पूरे भारत के लिए लाभकारी बना रहा है क्योंकि ग्रहों में अनुकूलता है।देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों इस योग से लाभान्वित होंगे। राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए देश भर से पांच मुहूर्त दिए गए। अंत में, राममंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने गीर्वाणवाग्वर्धिनी सभा और काशी के विद्वानों पर अपना अंतिम फैसला छोड़ दिया। 

22 जनवरी का दिन सबसे शुभ था। देश भर के विद्वानों ने 17 जनवरी, 21 जनवरी, 24 जनवरी और 25 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त दिया। काशी के पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने एक मुहूर्त चुना है। 22 जनवरी को पांच हथियारों (अग्नि, मृत्यु, चोर, नृप और रोग) से पूरी तरह से मुक्त है। इसलिए यह देश को जीवंत कर रहा है।

पं. गणेश्वर शास्त्री द्राविड़, जो काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण और राममंदिर के शिलान्यास का मुहूर्त निर्धारित करते हैं, ने बताया कि श्रीरामजन्मभूमि में रामलला की मूर्ति स्थापना के लिए मेष लग्न में वृश्चिक नवांश में अतिसूक्ष्म मुहूर्त है। दोपहर 12 बजे 29 मिनट आठ सेकंड से 12 बजे 30 मिनट 32 सेकंड तक 84 सेकंड का समय है।

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने वाले मेहमानों की सूची

अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट उन साधु संतों और वीवीआईपी लोगों की सूची बना रहा है जो प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेंगे। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान लगभग 4000 साधु संतों को आमंत्रित किया जाएगा, जो सभी राज्यों में सभी भाषाओं की पूजा की विभिन्न प्रथाओं और परंपराओं से जुड़े होंगे।

भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में खेल, कला, कवि, लेखक, साहित्यकार और कुछ देशों के राजदूतों को भी आमंत्रित किया जाएगा। वह परिवार भी इन सभी आमंत्रितों में शामिल होगा,जिस परिवार के सदस्यों ने राम मंदिर आंदोलन में जान दी है।

जनवरी का वह महान दिन, जब भगवान अपने सुंदर महल में बैठेंगे। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भी लगभग 2500 लोगों की सूची बना रहा है, जिनमें देश भर के विभिन्न संप्रदायों के साधु संतों, उद्योगपति, कलाकार, खेलकार, लेखक और साहित्यकार शामिल हैं. यह अद्भुत दृश्य दुनिया भर में एक संदेश देगा। जब सबके राम सब में राम की अवधारणा को लेकर हर वर्ग की भागीदारी प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में दिखाई देगी। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में देश की सभी परंपराओं का भी समागम होगा, इसलिए तैयारी तेज हो गई है।

दिव्या अयोध्या मोबाइल एप्प

रविवार को अयोध्या में पर्यटन सेंट्रिक मोबाइल ऐपलिकेशन का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। श्रद्धालुओं के लिए अयोध्या का भ्रमण इस एप से और भी आसान होगा। इसमें अयोध्या के सबसे महत्वपूर्ण स्थानों की जानकारी, मैप, परिवहन, रुकने की व्यवस्था और कई सुविधाएं उपलब्ध होंगी। अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी ने इस एप को अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बनाया है। 

अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि टूरिज्म सेंट्रिक मोबाइल ऐप अयोध्या शहर में आने वाले पर्यटकों की सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है. ऐप में होम स्टे, प्रदूषण-मुक्त इलेक्ट्रॉनिक कार, नगर विकास द्वारा प्रदान की गई 50 इलेक्ट्रॉनिक बसों के रूट, संचालन का समय, ऑनलाइन टिकट बुकिंग, गोल्फ कार्ट, हॉप ऑन हॉप,सर्वश्रेष्ठ सर्वश्रेष्ठ वाहन, व्हील चेयर, स्थानीय मान्यता प्राप्त और प्रशिक्षित टूरिस्ट गाइड आदि।

एप पर जानकारी 22 भाषाओं में उपलब्ध होगी, जो भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में हैं, जिससे तीर्थयात्रियों और सैलानियों को विशेष रूप से फायदा मिलेगा। भविष्य में नगर में अवस्थापना संबंधी हो रहे बदलाव को समय के साथ दिखाने के लिए इस एप में उपलब्ध 3 डी मैप सेवा होगी। साथ ही, आप इसी एप्लीकेशन के माध्यम से दूर देश में बैठकर अयोध्या के कई ऐतिहासिक स्थलों और मंदिरों का वर्चुअल दर्शन भी पा सकेंगे।

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